More information माना गया है वे समस्त ब्रह्मांड की जीवनदाता हैं। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को पिता , आत्मविश्वास , आरोग्यता , यश और तेज का कारक बताया गया है। इनकी आराधना करने से जीवन में सकि ऊर्जा का संचार होता है। More information More information

More information More information रावण More information More information प्रतीक बन गया।

आदित्य हृदय स्तोत्र क्या है ?

आदित्य हृदय स्तोत्र संस्कृत का एक More information महिमा का वर्णन है। More information सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। यह केवल आध्यात्मिक ही नहीं बल्किमानसिग

अगर आप धार्मिक ग्रंथों और स्तुतियों में रुचि रखते हैं, तो आप ( श्री राम स्तुति )shree raam stuti भी पढ़ सकते हैं, जो भक्ति और श्रद्धा को और गहराई से समझने का अवसर देते हैं।

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कब करें?

·         ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच) इसका सर्वोत्तम समय माना जाता है।

·         प्रतिदिन सूर्योदय के समय स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनकर पाठ करना चाहिए।

·         यदि प्रतिदिन संभव हो तो रविवार के दिन शुक्ल पक्ष में इसका पाठ अवश्य करना चाहिए।

·         रविवार को पाठ करते समय मांसाहार, मदिरा, तेल और नमक का सेवन करें।

आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ की विधि

1.      प्रातःकाल उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2.      तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें चंदन, रोली और पुष्प डालकर सूर्य को अर्पित करें।

3.      जल अर्पित करते समय गायत्री मंत्र का जाप करें।

4.      इसके बाद सूर्य देव की ओर मुख करके आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।

5.      अंत में सूर्य देव का ध्यान कर उन्हें नमस्कार करें।

पूजा-पाठ और धार्मिक विधियों की विस्तृत जानकारी के लिए आप ( कलश स्थापना विधि )kalash sthapana vidhi भी पढ़ सकते हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है।

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