ओंकारेश्वर धाम (Omkareshwar Jyotirlinga) मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित एक पवित्र ज्योतिर्लिंग है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और नर्मदा नदी के बीच बने मांधाता द्वीप पर बसा है, जिसका आकार पवित्रजैसा दिखाई देता है। यह स्थान केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के कारण भी अत्यंत प्रसिद्ध है।

पौराणिक मान्यताएँ और रहस्य

राजा मंधाता और कुबेर की तपस्या

किंवदंतियों के अनुसार, भगवान राम के वंशज राजा मंधाता ने यहीं कठोर तपस्या की थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने ज्योतिर्लिंग रूप में वास किया। इसी स्थान पर धन के देवता कुबेर ने भी शिवजी की साधना की थी।

रात का रहस्य: शिव-पार्वती का आगमन

कहा जाता है कि रात में भगवान शिव और माता पार्वती यहाँ शयन करने आते हैं। मंदिर में गुप्त शयन आरती होती है, जिसमें केवल एक पुजारी उपस्थित रहता है। सुबह मंदिर खुलने पर चौसर और पासे बिखरे हुए मिलते हैं, जो इस रहस्य को और गहराई देते हैं।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की विशेषताएँ

·         नर्मदा नदी के बीच स्थित मांधाता द्वीप का आकारजैसा दिखता है।

·         यहाँ भगवान शिव की पूजा दो स्वरूपों में होती हैओंकारेश्वर और ममलेश्वर

·         ओंकारेश्वर में दर्शन करने से उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन का पुण्य भी प्राप्त होता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और निर्माण

ओंकारेश्वर मंदिर का जिर्णोद्धार परमार राजाओं द्वारा कराया गया था। बाद में मराठा शासकों ने इसका विस्तार और भव्य स्वरूप दिया। वर्तमान में यह पांच मंजिला मंदिर अपनी अद्भुत कला और स्थापत्य के लिए भी प्रसिद्ध है।

ओंकारेश्वर दर्शन का महत्व

·         मोक्ष और पापों का नाशयहाँ दर्शन करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

·         आध्यात्मिक शांतिअशांत मन को यहाँ आने से शांति और स्थिरता मिलती है।

·         नर्मदा परिक्रमा का पड़ावनर्मदा परिक्रमा करने वाले साधु-संतों के लिए यह एक प्रमुख केंद्र है।

संबंधित पौराणिक कथाएँ

·         जिस प्रकार कालिया नाग की कथा में भगवान कृष्ण ने भक्तों की रक्षा की थी, उसी तरह ओंकारेश्वर में भी भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मुश्किल दूर करते हैं। आप कालिया नाग की कथा यहाँ विस्तार से पढ़ सकते हैं।

·         पूजा और आराधना में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। ओंकारेश्वर धाम में आने वाले भक्त यहाँ परिक्रमा के साथ-साथ कलश स्थापना विधि का महत्व भी समझते हैं।

ओंकारेश्वर दर्शन का अनुभव

यहाँ आने वाला हर भक्त आध्यात्मिक शांति और अलौकिक ऊर्जा का अनुभव करता है। प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक वातावरण मिलकर इसे एक अद्भुत यात्रा बनाते हैं। नर्मदा के तट पर बैठकर ध्यान करने से जीवन की हर समस्या से मुक्ति मिलती है।